Soil Health Card | मृदा स्वास्थ्य कार्ड (SHC) योजना



मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card – SHC) योजना
भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य किसानों को अपनी मिट्टी की गुणवत्ता की सही जानकारी देना और संतुलित उर्वरक उपयोग को बढ़ावा देना है।


🌱 मृदा स्वास्थ्य कार्ड (SHC) योजना

📌 योजना का उद्देश्य

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का मुख्य लक्ष्य है:

  • खेत की मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की जांच

  • किसानों को यह बताना कि किस फसल के लिए कितनी खाद चाहिए

  • रासायनिक खाद के अधिक उपयोग को कम करना

  • मिट्टी की उपजाऊ शक्ति (Fertility) को बनाए रखना


🏛️ योजना की शुरुआत

  • शुरुआत: 19 फरवरी 2015

  • मंत्रालय: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार


🧪 मृदा स्वास्थ्य कार्ड में क्या जानकारी होती है?

SHC में निम्न विवरण दिए जाते हैं:

1️⃣ प्रमुख पोषक तत्व

  • नाइट्रोजन (N)

  • फॉस्फोरस (P)

  • पोटाश (K)

2️⃣ द्वितीयक पोषक तत्व

  • सल्फर

  • कैल्शियम

  • मैग्नीशियम

3️⃣ सूक्ष्म पोषक तत्व

  • जिंक

  • आयरन

  • कॉपर

  • मैंगनीज

  • बोरॉन

4️⃣ अन्य जानकारी

  • मिट्टी का pH मान

  • कार्बनिक कार्बन (Organic Carbon)

  • खाद व उर्वरक की सिफारिश


👨‍🌾 पात्रता (Eligibility)

  • सभी किसान (छोटे, सीमांत और बड़े)

  • किसान समूह / FPO


💰 किसानों को क्या लाभ?

✔️ मिट्टी की मुफ्त जांच
✔️ फसल के अनुसार सही खाद की जानकारी
✔️ खेती की लागत कम
✔️ फसल उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार
✔️ मिट्टी लंबे समय तक उपजाऊ बनी रहती है


📝 मृदा स्वास्थ्य कार्ड कैसे बनवाएं?

  1. नजदीकी कृषि विभाग / कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) से संपर्क करें

  2. खेत की मिट्टी का नमूना लिया जाता है

  3. प्रयोगशाला में जांच के बाद

  4. किसान को Soil Health Card दिया जाता है

👉 कई राज्यों में SHC ऑनलाइन पोर्टल या CSC के माध्यम से भी उपलब्ध है।


🔄 मृदा स्वास्थ्य कार्ड कब अपडेट होता है?

  • आमतौर पर हर 2–3 साल में एक बार

  • ताकि मिट्टी की स्थिति में हुए बदलाव पता चल सकें


🌟 SHC योजना के फायदे

✔️ वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा
✔️ उर्वरकों का संतुलित उपयोग
✔️ पर्यावरण संरक्षण
✔️ किसानों की आय में वृद्धि


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