मोरिंगा (Moringa) खेती – महत्वपूर्ण बिंदु


 


मोरिंगा (Moringa) खेती – महत्वपूर्ण बिंदु


🌱 1. जलवायु और मिट्टी

  • जलवायु: उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र में अच्छी पैदावार

  • तापमान: 25–35°C आदर्श

  • मिट्टी: हल्की, जल निकासी वाली, pH 6.5–7.5


🌱 2. रोपण समय

  • मुख्यतः ग्रीष्म / वसंत ऋतु में

  • बारिश वाले क्षेत्रों में मानसून के पहले रोपण अच्छा


🌱 3. प्रजनन और बीज

  • बीज और कटिंग दोनों से उगाया जा सकता है

  • बीज बोने पर 7–14 दिन में अंकुरण

  • कटिंग से तेजी से वृद्धि और शीघ्र उत्पादन


🌱 4. रोपण अंतर और घनत्व

  • 3 × 3 मीटर या 2 × 2 मीटर अंतर

  • प्रति हेक्टेयर लगभग 1000–2000 पौधे


🌱 5. सिंचाई

  • नया पौधा: साप्ताहिक सिंचाई

  • स्थायी पौधा: कम जल की आवश्यकता, सूखा सहिष्णु


🌱 6. उर्वरक

  • नाइट्रोजन और फॉस्फोरस आधारित

  • Nitrogen: 50–100 kg/ha, Phosphorus: 30–50 kg/ha

  • खेत में कार्बनिक खाद (गोबर/कम्पोस्ट) मिलाना लाभकारी


🌱 7. कटाई और प्रबंधन

  • पत्तियां: 45–60 दिन में पहली कटाई

  • अंकुर और फल: 6–8 महीने में

  • नियमित छंटाई से झाड़ी का आकार नियंत्रित और उत्पादन बढ़ता है


🌱 8. रोग और कीट प्रबंधन

  • आम रोग: फफूंदी, पत्ती झुलसना, पत्ती धब्बा

  • कीट: लीफ-एटर, हनीसकैलर

  • जैविक या रासायनिक नियंत्रण उपाय अपनाएँ


🌱 9. बाज़ार और उपयोग

  • पत्तियां, बीज, छाल और तेल का वाणिज्यिक महत्व

  • पत्तियों का प्रयोग सूप, सब्ज़ी, सप्लीमेंट में

  • बीज से तेल और दवा उद्योग में उपयोग


🌟 महत्वपूर्ण टिप

  • सूखा सहिष्णु, कम रख-रखाव, अत्यधिक उपज और आय देने वाली पौधा


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