🌿 परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) – हिंदी में पूरी जानकारी
📌 योजना का उद्देश्य
PKVY के मुख्य उद्देश्य हैं:
रासायनिक खाद और कीटनाशकों का उपयोग कम करना
जैविक खेती को अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहन
मिट्टी की उपजाऊ शक्ति और जैव विविधता बढ़ाना
किसानों को बेहतर और प्रीमियम मूल्य दिलाना
पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा
🏛️ योजना की शुरुआत
शुरुआत: 2015–16
मंत्रालय: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार
यह योजना राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (NMSA) के अंतर्गत लागू है
👨🌾 पात्रता (Eligibility)
इस योजना का लाभ ले सकते हैं:
छोटे, सीमांत और अन्य सभी किसान
किसान समूह / क्लस्टर
स्वयं सहायता समूह (SHG)
FPO / FPC
🌾 क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण
PKVY क्लस्टर मॉडल पर आधारित है
एक क्लस्टर:
कम से कम 20 हेक्टेयर क्षेत्र
50 या उससे अधिक किसान
सामूहिक रूप से जैविक खेती को अपनाया जाता है
💰 वित्तीय सहायता (Financial Assistance)
₹50,000 प्रति हेक्टेयर (3 वर्षों में)
इसमें शामिल है:
जैविक इनपुट
प्रशिक्षण
प्रमाणन (Certification)
मार्केटिंग सहायता
👉 सहायता राशि राज्य सरकारों के माध्यम से दी जाती है।
🧪 PKVY के तहत क्या किया जाता है?
जैविक खाद (वर्मी कम्पोस्ट, जीवामृत आदि)
जैविक कीटनाशक
फसल विविधीकरण
ऑन-फार्म इनपुट उत्पादन
Participatory Guarantee System (PGS) सर्टिफिकेशन
📑 आवश्यक दस्तावेज़
आधार कार्ड
भूमि रिकॉर्ड
बैंक खाता विवरण
किसान समूह विवरण
📝 आवेदन कैसे करें?
नजदीकी कृषि विभाग / कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क करें
राज्य स्तर पर PKVY क्लस्टर में पंजीकरण
कई राज्यों में ऑनलाइन पोर्टल / CSC के माध्यम से आवेदन
🌟 PKVY योजना के फायदे
✔️ खेती की लागत में कमी
✔️ मिट्टी की सेहत में सुधार
✔️ जैविक उत्पादों के बेहतर दाम
✔️ पर्यावरण संरक्षण
✔️ टिकाऊ कृषि को बढ़ावा
🌱 PKVY बनाम प्राकृतिक खेती
| PKVY (जैविक) | प्राकृतिक खेती |
|---|---|
| प्रमाणन आवश्यक | आमतौर पर बिना प्रमाणन |
| बाहरी जैविक इनपुट संभव | ऑन-फार्म इनपुट |
| PGS सर्टिफिकेशन | BPKP/NMNF के अंतर्गत |
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