Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) — 2026 अपडेट (कृषि फसल बीमा योजना)
📌 क्या है PMFBY?
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) भारत सरकार की एक राष्ट्रीय फसल बीमा योजना है जिसका उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीट/रोग प्रकोप और अन्य जोखिमों से होने वाली फसल क्षति के परिणामस्वरूप आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। यह योजना कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत लागू होती है और बीमा कंपनियों द्वारा संचालित होती है।
🌾 मुख्य विशेषताएँ
कम्प्रेहेंसिव कवरेज: बुवाई से लेकर कटाई और कटाई के बाद तक फसल क्षति (जैसे सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, तूफ़ान, रोग/कीट) तक कवरेज प्रदान किया जाता है।
कम प्रीमियम:
खरीफ फसलों के लिए किसान का प्रीमियम 2%
रबी फसलों के लिए 1.5%
वाणिज्यिक/बागवानी फसलों के लिए 5%
सरकारी सब्सिडी शेष प्रीमियम को कवर करती है।
संपूर्ण साईकिल सुरक्षा: बीमा कवरेज सौरीकरण (sowing) से कटाई (harvest) और कटाई के 14 दिनों तक के जोखिम को कवर करता है।
तकनीक आधारित आकलन: उन्नत तकनीकों जैसे सैटेलाइट, ड्रोन और मोबाइल ऐप के इस्तेमाल से नुकसान का आकलन और दावा निपटान आज तेजी से हो रहा है।
👩🌾 पात्रता (Eligibility)
किसान PMFBY का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित पात्रता रखते हैं:
✔ किसान को अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसलें उगानी हों।
✔ किसान के पास फसल में बीमायोग्य हित (insurable interest) होना आवश्यक है।
✔ लूनी (Loanee) किसान: यदि किसान के पास Crop Loan या KCC (किसान क्रेडिट कार्ड) है, तो बीमा अनिवार्य है।
✔ गैर-लूनी (Non-loanee) किसान: वे स्वैच्छिक रूप से योजना में शामिल हो सकते हैं।
📋 कवर किए जाने वाले जोखिम
PMFBY द्वारा निम्न जोखिमों को कवर किया जाता है:
🌧 प्राकृतिक आपदाएँ — सूखा, बाढ़, तूफ़ान, ओलावृष्टि, भूस्खलन
🐛 रोग और कीट
🚜 पोस्ट-हार्वेस्ट नुकसान (14 दिनों तक)
(Note: युद्ध, नाभिकीय जोखिम, जानबूझकर नुकसान आदि 제외 हैं)
🧾 आवेदन / रजिस्ट्रेशन कैसे करें
📌 किसान PMFBY के लिए ऑनलाइन या नजदीकी कृषि केंद्र / CSC / बैंक के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों में भूमि के दस्तावेज, पहचान पत्र, बैंक विवरण, फोटो और फसल विवरण शामिल हैं।
💡 महत्वपूर्ण: रबी 2025–26 सीज़न के लिए पंजीकरण आम तौर पर 1 दिसंबर 2025 से 31 दिसंबर 2025 तक है (राज्य के अनुसार तारीखें भिन्न हो सकती हैं)।
💰 क्लेम (दावा) प्रक्रिया
फसल नुकसान होने के बाद किसान को बीमा कंपनी को नुकसान की सूचना निर्धारित समय में देनी होती है।
नुकसान का आकलन तकनीकी या मैन्युअल तौर पर किया जाता है।
दावा राशि सीधे किसान के बैंक खाते में भेज दी जाती है।
⚠️ समस्यों/चुनौतियाँ
हाल के वर्षों में कुछ क्षेत्रों में किसानों के दावों को अस्वीकार करने या बहुत कम राशि भुगतान करने की शिकायतें भी सामने आई हैं, जिससे किसानों का असंतोष देखने को मिला है।
📅 2026 के लिए स्थिति
PMFBY को वित्त वर्ष 2022–23 से 2025–26 तक जारी रखने के लिए सरकार ने लगभग ₹69,500 करोड़ का बजट आवंटित किया है, जिससे योजना 2026 तक सक्रिय और विस्तारित रूप से लागू रहेगी।
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